दोस्ती का पंचनामा

#दोस्ती_का_पंचनामा

दोस्ती का दम भरने वालों को आज समय न मिल पाया..!!

सोचना कि तुम्हारा प्रेम कहाँ है..??

जिस प्रेम के पीछे तुम भाग रहे हो, वो निराधार है..!!

जिस किसी को दोस्ती के रिश्ते के बारे में जानना है,

रुकिये थोड़ा समझाते है..!!

आप अपने जीवन की आधारशिला माँ पिता से सबसे पहला प्रेम पाते है, उसके पश्चात आप अपने बड़ो से प्रेम पाते है...उसके बाद आप जो उनसे पाते है, उसे दूसरों को जब देते है तो उससे आपको दोस्ती नाम का रिश्ता मिलता है..!! उसके बाद प्यार नाम का रिश्ता बनता है और फिर शादी विवाह जैसे बंधनों में बंधकर दोस्ती का रिश्ता अन्य रिश्तेदारों में बदल जाता है..!! फिर आप नए रिश्तों को जन्म देकर माँ पिता बन जाते है...और फिर एक नई वंशावली तैयार होती है..!!

तो क्या समझे दोस्ती से ही शुरू होता है आपका प्रेम जो आप दूसरों को देते है...उससे पहले आप मां व पिता, भाई-बहन से प्रेम पा रहे होते है..!!

और जिस प्रेम को देकर आपने सभी को पाया था, आज वो लोग आपसे सवाल उठा रहे है...कि कहाँ गया वो प्रेम, जो तुम हमसे किया करते थे..??

प्रेमिका/प्रेमी से पूछा तो जवाब आया- वैलेंटाइन डे हम मनाते है..!! हम मिलते है एक दूसरे को करीब से जानने के लिए और इसीलिये हम एक हो पाते है और नए रिश्ते को जन्म देते है..!!

पति/पत्नी ने पूछा तो जवाब आया- हम एनीवर्सरी मना कर खुशियां बांटते है..!!

बेटा/बेटी ने पूछा तो जवाब आया- हम मदर्स डे, फादर डे, डॉटर डे, सन डे..मनाकर प्यार बांटा करते है..!!

भाई बहन से पूछा तो जवाब आया- हम ब्रदर्स डे, सिस्टर डे मनाते है..!!

इसके अलावा हम दुनिया के सारे डे/ दिवस एक दूसरे के सामंजस्य से मनाते है..!!

लेकिन दोस्तों से पूछा तो जवाब आया कि थोड़ा फंसा था, घर पहुँचकर बात करते है..!! ये तो सिर्फ एक दोस्त का हाल था, बाकियों के हाल तो संदेश के जवाब तक ही सीमित थे...!!

मतलब की दुनिया में सभी रिश्तों में प्रेम पनप रहा, लेकिन ये अनोखा रिश्ता दोस्ती जहां से शुरुवात हुई थी जिंदगी के प्रेम की...वही पर मतलब की दुनिया बनती जा रही है..!!

अब कई लोगों का कहना होगा कि दोस्त तो रोज मिलते है, आज न मिल पाए तो कौन सी बड़ी बात हो गयी तो आपने दोस्ती के रिश्ते पर उंगली खड़ी की..!!

तो मिलना तो आपका सभी रिश्तों से होता है..!!

क्या आप माँ, पिता , भाई, बहन, प्रेमिका से रोज नहीं मिल पाते..??

और जब उनके साथ सभी दिवस/डे मनाए जाते है और तो और दुनिया के सारे महापुरुषों के दिवस मनाए जाते है तो ये रिश्ता मित्रता जहां से सबने शुरुवात की है, उसका दिवस क्यों नहीं..??

तो कान खोलकर सुन लो, जो गलतियाँ कर रहे हो रिश्तों में उसका तो भरपाई है...लेकिन दोस्ती के रिश्ते में गलतियाँ कर करके देख लो कितना अकेले हो गए हो..??

मेरे ही जीवन में आज सिर्फ 2 लोग के अलावा कोई नहीं था आज का मित्रता दिवस समझने वाला..??

अगर ये रिश्ता नहीं निभाओगे तो व्यापार निश्चित है, और जहाँ व्यापार शुरू वहाँ प्रेम ख़त्म, और यही वजह है कि सब कुछ खत्म होने की वजह से आप उपभोक्ता बनते जा रहे है..!!

एक दूसरे को बेचने के चक्कर में..!!

अभी भी वक़्त है सम्भल जाईये..!!

नहीं तो आप भी शिकार होंगे..!!

मत बाँटिए जाति धर्म सम्प्रदाय लिंग रंग भेदभाव दोस्तों को, मत पालिये नफ़रत... नहीं तो पूरी दुनिया व्यापारी हो जाएगा, बाप बेटे में व्यापार शुरू हो जाएगा..!!

© Nikhil S Yuva

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