बलात्कार- एक मानसिक बीमारी
बलात्कार कभी न ख़त्म होने वाला कुकर्म है,
चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी सज़ा क्यों न बना दी जाए..??
क्योंकि ये पूरा विश्व ही पुरुष प्रधान है...!!
ये आज भी औरतों को सिर्फ प्रयोग की चीज़ समझता है..!!
और ये मैं इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि हर रोज बलात्कार के बढ़ते मामले देख रहा हूँ..!!
हर रोज अखबार के किसी न किसी पन्ने में, सोशल मीडिया के किसी लिंक में देखने को मिल जा रहा..!!
क्या आपको पता है कि इस अपराध का कारण क्या है..? अगर नहीं तो ठीक है...और अगर हाँ तो आपने अब तक इसके सुधार के लिए कुछ किया क्या..??
क्या सोच रहे है..नहीं किया, क्योंकि अगर किया होता तो ये कम हो रहा होता, न कि दुगुनी तेजी से बढ़ रहा होता..!!
हमने 2018 में प्रयास किया, फिर 2019 में भी प्रयास किया, उसके बाद से लगातार निरंतर प्रयास में हूँ, कि काश लोगों को समझ आ जाये कि अपराध का कारण क्या है और उसको जड़ से कैसे खत्म किया जा सकता है..??
लेकिन कौन है सुनने वाला, कौन है पढ़ने वाला..?
कुछ चंद लोग जो 2018 में मेरे आहवाहन पर आए थे,
उसमें से बचे कुछ लोग जो 2019 में मेरे साथ खड़े थे...और आज उनमें से बस कुछ लोग जो शायद अब परिवार में व्यस्त है और उन्हें अब इस समाज से कोई लेना देना नहीं है..!!
क्या आप लोगों को नहीं लगता कि सिर्फ एक केस पर आंदोलित हो जाने से कुछ नहीं बदलने वाला..क्योंकि इससे पूर्व भी घृणित अपराध को लेकर आंदोलन हो चुके है, तो क्या अपराध खत्म हो गए...या कम हो गए..??
नहीं न..!!
होंगे भी नहीं,
क्योंकि आप आज भी भेड़चाल का हिस्सा है..!!
बुरा लग रहा होगा आपको, कि खुद कुछ करना नहीं है इसको और लेख लिखकर ज्ञान दे रहा है...कल तो खुद गया था कैंडल मार्च में...!!
तो आप यहां गलत है,
मैं तो गया था उस कैंडल मार्च के कारण को समझने...मैं गया था वहां उपस्थित जनता के मन को समझने..!!
और समझकर वापस आ गया...और आज ऊपर जो लिखा है ये उसी का सार है..!!
जब तक आप सभी अपराध के कारण को जड़ से खत्म नहीं करेंगे तब तक आप अपराध को न तो कम कर सकते है और न ही कभी ख़त्म कर सकते है..!!
बाकी अगर ख़त्म करने की इच्छा होगी तो जुड़े रहिएगा हमसे, हर रोज...और मेरे क्रियान्वयन को देखकर सीख जाईयेगा कि कैसे खत्म होगा ये अपराध...और अपराध की अवधारणा..!!
और अधिक जानकारी के लिए आप हमसे कमेंट के माध्यम से वार्ता भी कर सकते है...जिससे आम जनमानस तक आपके विचार भी पहुँच सकें..!!
© Nikhil S Yuva राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संगठन
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते है, आशा करते है कि आपको हमारे लेख पसन्द आ रहे है तो कृपया इस ब्लॉग को शेयर करें।